Dhanteras
क्यों मनाते हैं धनतेरस (Dhanteras )-
धनतेरस - धनतेरस में धन का मतलब है धन, और तेरस का मतलब है 13 (तेरह), ऐसी मान्यता है कि धनतेरस के दिन कुछ नया सामान खरीदने पर धन 13 गुना बढ़ जाता है।
ये त्यौहार दिवाली से २ दिन पहले मनाया जाता है। धनतेरस कार्तिक माह के त्रयोदशी को मनाया जाता है इस कारण इसे धनत्रयोदशी भी कहते हैं। धनतेरस के दिन माँ लक्ष्मी के साथ साथ कुबेर और धन्वंतरी की पूजा होती है। कुबेर धन के देवता हैं और धनवंतरी देवताओं के चिकित्सक है तथा स्वास्थ और औषधियों के देवता माने जाते हैं।
इस दिन शाम के समय घरों के चौखट, द्वार, और आंगन को दिए से सजाया जाता है, इस दिन सोना, चांदी, आभूषण और अन्य घर के सामन ख़रीदे जाते हैं जिसे बहुत शुभ माना जाता है।
पुराने कथाओ के अनुसार इस दिन ही धनवंतरी भगवान प्रकट हुए थे और जब ये प्रकट हुए थे तब इनके हाथ में अमृत से भरा एक कलश था, चूँकि भगवान् धन्वंतरी कलश लेकर पैदा हुए थे इसलिए इस दिन बर्तन खरीदने का भी रिवाज है।
इस दिन ना ही उधार लिया है और ना ही उधार दिया जाता है।
इस दिन ना ही उधार लिया है और ना ही उधार दिया जाता है।


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